ज़िंदगी में सदा वो मोहब्बत रहे माँ के क़दमों तले मेरी जन्नत रहे जिस के होने से आबाद है ये जहाँ ये दुआ है मिरी वो सलामत रहे रूठ जाए अगर माँ किसी बात पर फिर अधूरी मिरी हर इबादत रहे उफ़ भी कहना नहीं माँ को रब ने कहा वो अगर ख़ुश रहे घर में बरकत रहे माँ चली जाए तो सब बिखर जाएँगे ऐ ख़ुदा पास सब के ये दौलत रहे दिल दुखाना नहीं अपने माँ-बाप का याद ये 'आइशा' की नसीहत रहे