ज़िंदगी मुश्किल भी है आसान भी फ़ाएदा भी इस में है नुक़सान भी यार की यारी से हम को है ग़रज़ यार तो दाना भी हैं नादान भी आदमी आदम का बेटा है मगर आदमी जो है वो है इंसान भी अब जो देखा है उसे तो देख कर दुख तो ये है ख़ुश भी हूँ हैरान भी ये परिंदों को अचानक क्या हुआ पेड़ भी मौजूद है दालान भी दिल कराची से निकलता ही नहीं शहर है लाहौर भी मुल्तान भी