चंद समझौतों का ला-मुतनाही सिलसिला है जो मुझे मेरे शुऊ'र के इनआ'म में दिया जा रहा है ज़िंदगी सिर्फ़ इक तवील हिज्र का ज़ाइक़ा है जो मुझे इश्क़ के इल्ज़ाम में दिया जा रहा है शाइ'री जज़्बों को लफ़्ज़ से गाँठ कर मार देने का हौसला है जो मुझे बंदगी के नाम पर दिया जा रहा है