दोस्तों में सब से अच्छा दोस्त है अच्छी किताब आ बता दूँ कैसी होती है 'अता' अच्छी किताब हर क़दम पर नेक-ओ-बद का फ़र्क़ बतलाती है ये हर क़दम को सीधी-सच्ची राह दिखलाती है ये दीन-ओ-दुनिया का हमेशा हम को देती है सबक़ रौशनी ही रौशनी देता है इस का हर वरक़ सीखती है इस से दुनिया कामरानी का हुनर ये अता करती है सब को ज़िंदगानी का हुनर सहल हो जाती हैं इस से वक़्त की बारीकियाँ दूर करती है ये सब के ज़ेहन की तारीकियाँ ज़िंदगी के इम्तिहाँ में हौसला देती है ये चाहने वालों को ऊँचा मर्तबा देती है ये इस की सोहबत से फ़रोज़ाँ आज शम-ए-ए'तिबार इस की उल्फ़त से दरख़्शाँ आज हुस्न-ए-इख़्तियार ज़िंदगी पाती है इस से आप ख़ुद अपनी ख़बर ज़िंदगी पाती है इस से इक मक़ाम-ए-मो'तबर बख़्शती है ये बसारत और बसीरत भी हमें ताकि दिखलाई पड़े शय की हक़ीक़त भी हमें ये हमें बतलाती है हम क्या हैं और दुनिया है क्या ये हमें बतलाती है रब कौन है उक़्बा है क्या इस के दामन में हैं पिन्हाँ हर ज़माने के उलूम इस के आँगन में हैं रक़्साँ चाँद सूरज और नुजूम इस के जल्वे से हुवैदा मा'रिफ़त की दौलतें नूर से इस के हुआ इंसान का इरफ़ाँ हमें इस के दम से हम पे वाज़ेह उक़्दा-ए-मर्ग-ओ-हयात इस के दम से हम पे रौशन है जहान-ए-काएनात इस क़दर जामा' मुकम्मल हैं 'अता' इस की सिफ़ात कब है मुमकिन पेश करना ऐ 'अता' इस की सिफ़ात