मैं अपनी अदालत में मुजरिम खड़ी हूँ मुझे मेरे जज़्बों मिरी ख़्वाहिशों ने गिरफ़्तार कर के सर-ए-आम ज़िल्लत से दो-चार कर के ये दा'वा किया है इन्हें क़ैद रक्खा और अक्सर इन्हें हब्स-ए-बेजा में रख कर ज़द-ओ-कोब कर के इन्हें मार देने की हद तक अज़िय्यत भी दी है मैं अपनी अदालत में मुजरिम खड़ी हूँ