अजनबी शहर के By Nazm << मुस्कुराती हुई ज़िंदगी क्... गुरेज़ >> अजनबी हों कि हों अजनबी शहर के अजनबी बाम-ओ-दर अजनबी रास्ते एक ही से लगे एक जैसे लगे मैं जहाँ भी गया जिस तरफ़ भी गया रक़्स करती चलीं साथ परछाइयाँ अजनबी शहर के अजनबी बाम-ओ-दर क्या शजर क्या हजर एक ही से लगे एक जैसे लगे एक ही जिस्म की बढ़ के लाए ख़बर Share on: