छोटा सा घराना अपना देखा है आँखों ने सदा जिस का सपना छोटा सा वो अपना घराना है शोर कहीं बच्चों का बहनों को सताना दिन भर भाई का और शाम को थक कर सो जाना छोटा सा वो अपना घराना सब खेलें आँख-मिचोली जैसे इक उम्र के हम-जोली वो खेल में शामिल होना अब्बा का अम्मी का मगर वो शर्माना छोटा सा वो अपना घराना फिर साथ कभी जो बैठे पहरों बातें करते गुज़रे वो हाथ में हाथ पकड़ना हम सब का और देर तलक मिल कर गाना छोटा सा घराना अपना देखा है आँखों ने सदा जिस का सपना