बात जो कही उस ने बात जो सुनी मैं ने उम्र-भर का हासिल थी फिर भी दिल ये कहता था आज जो सुना तुम ने आज जो कहा उस ने कल वो भूल सकता है लाख वो तुम्हें चाहे प्यार की क़सम खाए आख़िरश तो इंसाँ है वो भी जानता होगा ख़्वाब जो बुने तुम ने टूट भी तो सकते हैं तुम जो आज शादाँ हो कल उदास जब होना मुझ को याद कर लेना