मोहब्बतों को न पा सको जो तो चाहतों का सफ़ीर बन कर गिरे हुओं को सहारा दे कर दुखी दिलों को क़रार देना बहुत कठिन है बहुत ही मुश्किल कि रेज़ा रेज़ा शिकस्ता दिल हो छुपा के ग़म को मुदावा करना भँवर की लहरों में ख़ुद भटकना और डूबतों को सहारा देना ये इक जुनूँ है जो कर गए तुम इसी में है ज़िंदगी का हासिल क़रार है और बहुत सुकूँ है