बरसात की ख़ुश्क शाम By Nazm << ये एक फ़ितरी अमल है कैमरा >> सुनहरे सब्ज़ पत्ते सुरमई नीला सा नारंजी ब-माइल सुर्ख़ रंग आसमाँ ख़ुश्बू हवा में भीगी सोंधी सी अभी सूरज ढला ही है ख़ुनुक कमरे की सारी खिड़कियों को बंद कर के झाँकना शीशों के अंदर से ख़ुश-आगीं मश्ग़ला है Share on: