बीते मौसम की आवाज़ By Nazm << इंहिराफ़ आख़िरी मंज़र से पहले एक म... >> मुझ से लोग हुए जाते हैं अब बेज़ार जब मैं ने पहला क़दम रखा था लोगों ने इस्तिक़बाल किया था लेकिन कब तक अब ख़याल आता है अपने घर वापस हो जाऊँ Share on: