चेहरे By Nazm << ख़्वाब ख़्वाब से ता'बीर तक >> कौन से चेहरे को देखूँ इक बदन पर एक चेहरा है कहाँ एक चेहरे में जुड़े हैं मुख़्तलिफ़ चेहरे यहाँ मस्लहत के नाम पर आम सा अब हो गया चेहरे बदलने का चलन Share on: