ख़्वाब By Nazm << नुमू चेहरे >> दिल की मिट्टी है बहुत ज़रख़ेज़ आरज़ू के आस के तुख़्म मैं ने बोए थे हो गए सरसब्ज़ सारे आज मैं मसरूर हूँ ख़्वाब जो देखे थे मैं ने आज पूरे हो गए शुक्र करती हूँ ख़ुदा का आज मुझ को सब मयस्सर हो गया है Share on: