किस की उठी है ये अर्थी कमला सेठ लछमन की पड़ोसन बेवा सेठ दो घोड़ों की बग्घी में आता है उधर शहर का सब से बड़ा दानी दिया लो धनवान जिस ने सोने का चढ़ाया है कलस मंदिर पर जिस ने गउ-शाला भी बनवाई थी जिस की मिल में अभी परसों ही चली थी गोली जिस के दरवाज़े पे मिल जाती है भिक्षा लेकिन भूकी मर जाए जो इक बेवा पड़ोसन मर जाए पेट भरता नहीं मज़दूर का सात आने में गोली चल जाए दान देते हैं दयालू धनवान इज़्ज़त-ए-नफ़्स के डाकू शैतान कपड़े की मिल के मालिक आटे की मिल के मालिक