दरिया By Nazm << बहार चलो हम मान लेते हैं >> आओ मेरे पास आओ नज़दीक यहाँ से देखें इस खिड़की से बाहर नीचे इक दरिया बहता है धुँदली धुँदली हिलती तस्वीरों का ख़ामोशी से बोझल ज़ख़्मी सायों में तीर छुपाए थरथराते जलते किनारों के पहलू में बे-कल दुखी उसे भी नींद नहीं आती Share on: