खिले हुए गुलाब रुख़ हरे भरे जवान तन दराज़ पेड़ वक़्त की ज़मीन पर खड़े हुए प्रकाश की तलाश में उम्मीद सींचते हुए लहक चहक फ़ज़ाओं में दमक रवाँ रवाँ दिल और जिगर तपाँ तपाँ दहकती शोख़ हसरतें हर एक मस गुमान गुदगुदी में मेल की उमंग होंट के निशान आन आन गर्दनों पे नूर के ख़ुशबुएँ नफ़स नफ़स ज़ुलाल-ए-ख़िज़्र की मिठास दवाम था क़दम क़दम कहाँ गए