अब चाय ठंडी नहीं होगी दाढ़ी अब नहीं बढ़ेगी अब क़मीस के बटन नहीं टूटेंगे तग़ाफ़ुल किसी का अब नहीं सताएगा अब किसी के इंतिज़ार का ग़म नहीं रुलाएगा थकन अब पैरों से नहीं उलझेगी फ़ासले अब दरमियाँ नहीं आएँगे दिल में अब कोई ख़लिश नहीं होगी अब देर तक नींद आएगी ऑफ़िस जाने के लिए मुझे अब बीवी जगाएगी