पानी को भर लो हाथ में आँखों में भर लो रंग फूलों से खेलते हुए मिट्टी को चूम लो बातें करो दरख़्तों से झूमो हवा के संग दिल से इक एक ख़ौफ़ को यकसर निकाल दो अंजान रस्तों पर चलो घूमो जहान में चाहे उड़ान भर लो खुले आसमान में ता'बीर पाओ जागती आँखों के ख़्वाब की इम्कान से भरी हुई दुनिया है सामने