भूल गई है आज तो रहबर-ए-हक़-निगाह को भूल गई है आज तू मर्द-ए-जहाँ-पनाह को भूल गई है आज तू ज़ब्त के बादशाह को तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम तेरे महंत तो अभी मस्त हैं ज़ात-पात में तेरे बड़े बड़े गुरु ग़र्क़ हैं छूत-छात में आह कि ढूँढती है तू नूर अँधेरी रात में तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम आह कि तू ने ज़ब्त के दर्स को भी भुला दिया आह कि तू ने क़ल्ब से नाम-ए-सफ़ा मिटा दिया आह कि दोस्तों को भी तू ने अदू बना दिया तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम तेरे मुशीर बे-अमल तेरे वज़ीर बे-अमल तेरे ग़रीब बे-अमल तेरे अमीर बे-अमल तेरे सफ़ीर बे-अमल तेरे कबीर बे-अमल तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम उफ़ कि क़दम क़दम पे है तेरा शरीक अहरमन उफ़ कि तुझे नसीब हैं फिरका-परस्त राहज़न उफ़ कि तुझे अज़ीज़ हैं चर्ब-ज़बान-ओ-बद-सुख़न तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम उफ़ कि जहालतों पे भी अक़्ल का है गुमाँ तुझे उफ़ कि अभी पसंद है जहल की दास्ताँ तुझे उफ़ कि है फ़िरक़ा दोस्ती देती अभी अमाँ तुझे तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ज़ुल्म किए हैं तू ने जो ज़ुल्म के शाहिदों से पूछ क़त्ल किए हैं किस क़दर अपने मुजाहिदों से पूछ पीते हैं रोज़ कितनी मय झूट के ज़ाहिदों से पूछ तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम दर्स-ए-महात्मा का भी तुझ पर कोई असर नहीं क़ौल-ए-महात्मा पे भी आज तिरी नज़र नहीं कौन है उस का जा-नशीं इस की तुझे ख़बर नहीं तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम तुझ को बताए कौन आज अस्ल में राहबर है कौन तुझ को बताए कौन आज बंदा-ए-मो'तबर है कौन तुझ को बताए कौन आज पीर-ए-जवाँ-नज़र है कौन तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम देख न चश्म-ए-शौक़ से पत्थरों के तो तौर तू क़द्र-ए-जवाहर-ए-हसीं देख ब-चश्म-ए-ग़ौर तू वर्ना हज़ार ज़िल्लतें तेरे लिए हैं और तू तुझ से कहूँ तो क्या कहूँ ऐ मिरी बा-मुराद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम ऐ मिरी ज़िंदाबाद क़ौम