गंदी लड़की परी हो या वो हूर करते हैं सब लोग उस को दूर दूर मुँह लगा कर बात तो करते नहीं गंदी को प्यार करते हैं कहीं मांझ कर मंजन से दाँत अपने न धोए ज़िद करे हर बात पर हर लहज़ा रोए रेंट अपनी आस्तीन से पोच ले बाल सर के आप अपने नोच ले आज पहने कल करे मैला लिबास उस को आने दे कोई क्यों अपने पास ऐसी लड़की की भला क्या आबरू चेपड़ आँखों में हो जिस के मुँह में बू कंघी बालों में न सर में तेल है बद-तमीज़ी रात-दिन का खेल है धूप में खेले न आए छाँव में सर पे टोपी है न जूता पाँव में अच्छी ख़ासी अपने पढ़ने की किताब जा-ब-जा कर दे लकीरों से ख़राब रौशनाई के हैं धब्बे जा-ब-जा कुर्ते का है आगा-पीछा एक सा खाना खा कर पोच ले दामन से हाथ कपड़े भर जाएँ कभी सालन से हाथ ऐसी लड़की को करेगा कौन प्यार पास जिस के जाए उस को आए आर