प्यारा देश हमारा भारत सारे जग से न्यारा भारत कोह-ए-हिमाला इस का दरबाँ दूध की हर-जा बहती नदियाँ मस्त फ़ज़ा में अमृत बरसे प्यारी धरती सोना अगले सब मौसम हैं पावन इस में सर्दी गर्मी सावन इस में ओढ़े हिमाला बर्फ़ की चादर इस के चरन धोता है सागर पग पग पर यूँ जीत है इस की प्यार मोहब्बत रीत है इस की हिन्दी इस में उर्दू इस में भाषा भाषा जादू इस में जान लुटा देंगे हम इस पर शान बढ़ाएँगे सब मिल कर कभी न होगा सर ख़म इस का सह रंगा है परचम इस का