लो आया होली का त्यौहार ख़ुशी में झूम उट्ठा संसार वो देखो होलिका जलती जाए जहाँ में सच्चाई रह जाए लो जीता अब प्रहलाद कुमार हुई हिरण्यकश्यप की हार जला अब झूट बचा है साँच नहीं है साँच को कोई आँच सभी अब होली गाते हैं ख़ुशी से नाचते जाते हैं बिछा है रूप रंग का जाल महकते अम्बर ऊद गुलाल ख़ुशी में सब बच्चे नर-नारी चलाएँ रंगों की पिचकारी किसी पर भंग की मस्ती छाए तो कोई अब मदिरा छलकाए वो छेड़े साज़ों ने सरगम तो आओ नाचें छम छम छम लो आया होली का त्यौहार ख़ुशी में झूम उट्ठा संसार