जम्अ हो कर कहीं दो चार बच्चे मगन थे खेल में हँसते हँसाते उन्ही में एक बच्चा हँस के बोला मिरी नानी सुनाती थीं लतीफ़ा मिरे दादा ने बनवाया था दालान हज़ारों बैठ सकते जिस में इंसान ये सुन कर दूसरा बच्चा भी बोला बड़े अंदाज़ से इक राज़ खोला मिरे दादा के पास ऐसी कमाँ थी कि तीर उस का करे सैर आसमाँ की कहा बच्चों ने तुम गप मारते हो मियाँ तुम भी कहाँ की हाँकते हो कहाँ रखते थे दादा उस कमाँ को कि जिस से तीर छू ले आसमाँ को जवाब उस ने दिया सुन कर सुनो तो नहीं गप है हक़ीक़त मेरे यारो जो दालान इस के दादा ने बनाया कमाँ रखते थे उस में मेरे दादा