किसी ने ये बताया था कि बस तुम आने वाले हो बहुत अच्छा किया तुम ने मिरा ये बोझ कम होगा तुम्हारी चंद चीज़ें थीं ज़रा ठहरो मुझे कुछ याद करने दो हूँ हाँ वफ़ा की बे-असर क़िस्में मोहब्बत के कई दा'वे बहुत बे-रब्त बातों के कई टूटे हुए टुकड़े हँसी का खोखला-पन भी पुराने से कई झूटे बहानों के ज़रा कुछ लड़खड़ाते डगमगाते गड़बड़ाते से सभी जुमले मिरे कमरे की अलमारी या फिर शायद दराज़ों में कहीं देखे तो थे मैं ने यहीं ठहरो मैं तुम को ला के देती हूँ बहुत सामान बिखरा है मिरा कुछ बोझ कम होगा