रंगों की फुलवार से सजनी रंग बना संसार नीला पीला ऊदा लाल रंगों का दरबार जाग गया संसार होली का तेहवार इन रंगों को रंग न समझो महके इन से बस्ती बस्ती नगरी नगरी हर इक द्वार यक-जिहती इख़्लास मोहब्बत अम्न मसर्रत प्यार रंगों की फुलवार से महका अब के बरस गुलज़ार अब के बरस गुलज़ार रंग बना संसार