हम कामयाब होंगे और बे-हिसाब होंगे हम कामयाब होंगे मौसम बहार का है निखरी हुई फ़ज़ा है बेदार हौसला है फूलों का ज़िक्र क्या है तिनके भी इस चमन के इक दिन गुलाब होंगे हम कामयाब होंगे हों लाख तेज़ धारे पहूँचेंगे हम किनारे करते हैं ये इशारे बढ़ते क़दम हमारे देखें हैं जो वतन ने पूरे वो ख़्वाब होंगे हम कामयाब होंगे नफ़रत मिटाएँगे हम उल्फ़त जगाएँगे हम रूठे मनाएँगे हम जीना सिखाएँगे हम इंसानियत के हर सू बजते रबाब होंगे हम कामयाब होंगे