आओ प्यारे बच्चो आओ ख़ुद जागो औरों को जगाओ गया ग़ुलामी का वो अंधेरा आज़ादी का हुआ सवेरा नींद से चौंको होश में आओ ख़ुद जागो औरों को जगाओ उठो उठो सुस्ती कैसी ये हिम्मत की पस्ती कैसी आओ मिल कर क़दम बढ़ाओ ख़ुद जागो औरों को जगाओ हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सब का दुख सुख एक है भाई दुखियों का दुख दर्द मिटाओ ख़ुद जागो औरों को जगाओ इल्म की शम्अ' हाथ में ले कर सब को अपने साथ में ले कर मंज़िल मंज़िल बढ़ते जाओ ख़ुद जागो औरों को जगाओ