जागते रहना By Nazm << करमों का फल एक नज़्म >> रात को पहरे-दार की दस्तक इक आवाज़ है जागते रहना सुब्ह को रोटी और इज़्ज़त की ख़ातिर भागते रहना किस युग मिले अमान कोई जान न पाया जागते रहना भागते रहना Share on: