झूट By बाल कविता, Nazm << ना-माक़ूल जवाब >> झूट की आदत बुरी है झूट मत बोला करो झूट की आदत रही तो एक दिन पछताओगे फिर उसी लम्हा किसी बनिए ने आ कर दी सदा बोले कह दो आज तो अब्बा नहीं कल आओगे Share on: