काला समुंदर By Nazm << बुढ़िया और चिड़िया की कहा... दो चराग़ >> साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ पानी का धारा क़ुतुब-ए-शुमाली से क़ुतुब-ए-जुनूबी तक एक लकीर सी बनाए हुए है इस साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ धारे को सियाह समुंदरों ने घेर लिया है सियाह समुंदर न तो तूफ़ान उठा सकता है न ही किसी को डुबो सकता है वो तो सिर्फ़ ख़ौफ़-ज़दा कर सकता है Share on: