काश By Nazm << टूट-बटूट गया बाज़ार गुम-शुदा वक़्त >> जो तुम साथ होते तो मैं तुम को रस्ते का वो पहला पुल और वो नाला दिखाता जहाँ पर हवा अपने पर खोलती है जहाँ धूप हर रोज़ कुछ देर रुक जवाँ-साल किरनों के दर खोलती है जो तुम साथ होते Share on: