आगे पीछे दाएँ बाएँ काएँ काएँ काएँ काएँ सुब्ह-सवेरे नूर के तड़के मुँह धो-धा कर नन्हे लड़के बैठते हैं जब खाना खाने कव्वे लगते हैं मंडलाने तौबा तौबा ढीट हैं कितने कव्वे हैं या काले फ़ित्ने लाख हँकाओ लाख उड़ाओ मुँह से चीख़ो हाथ हिलाओ घूरो घुड़को या धुतकारो कोई चीज़ उठा कर मारो कव्वे बाज़ नहीं आते हैं जाते हैं फिर आ जाते हैं हर दम है खाने की आदत शोर मचाने की है आदत बच्चों से बिल्कुल नहीं डरता उन की कुछ परवा नहीं करता देखा नन्हा भोला-भाला छीन लिया हाथों से निवाला कोई इशारा हो या आहट ताड़ के उड़ जाता है झट-पट अब करने दो काएँ काएँ हम क्यूँ अपनी जान खपाएँ