ख़ौफ़ By Nazm << ख़ुश्बू का बदन गया साल >> उस घर की सब से ऊपर की मंज़िल में रहने वाली लड़की मुझ को सारा दिन अपनी हैरान आँखों से तकती रहती है रात को उस घर का दरवाज़ा खुलता है लम्बे लम्बे नाख़ुनों वाली एक चुड़ैल निकलती है जो चीख़ चीख़ कर हँसती है और मेरी जानिब बढ़ती है Share on: