ख़ुशी By Nazm << जहेज़ अजनबी शहर >> क्या पहनने को उस परी के पास एक भी ढंग का नहीं है लिबास जब भी मुझ से वो मिलने आती है सोगवार मातमी रंग ओढ़े आती है Share on: