ख़्वाब आँखों से छिन गए तो By Nazm << ना-शनास नामों की अमानत ऐ मेरे ख़ुदा >> गए दिनों की मोहब्बतों को सऊबतों को अज़िय्यतों को सँभाल रखना कि आने वाले किसी भी लम्हे में ख़्वाब आँखों से छिन गए तो मोहब्बतों को सऊबतों को अज़िय्यतों को बसा के आँखों में ज़िंदगी को तलाश करना Share on: