ला-हासिल By Nazm << हमें भूल जाना चाहिए बूढ़ी कहानी >> जानता हूँ कि हम तुम बिछड़ जाएँगे जानता हूँ कि दोनों मिले भी कहाँ रात लेकिन मिरे आसमाँ मैं ने देखा मिरी आरज़ू का समुंदर तुझे छू रहा था Share on: