लतीफ़ा By बाल कविता, Nazm << नट-खट चाँद लतीफ़ा >> माँ सबक़ दे रही थी बच्चों को आज का काम कल पे मत डालो सुन के इक बच्चे ने ये कहा अम्माँ वो जो रखी है आप ने बर्फ़ी लाइए आज ही उसे खा लूँ आज का काम कल पे क्यूँ टालूँ Share on: