माँ जैसी कोई सूरत दुनिया में है न होगी ममता की कोई क़ीमत दुनिया में है न होगी औलाद के लिए जो लड़ जाए आँधियों से औरों में इतनी हिम्मत दुनिया में है न होगी हर-पल गुज़ारती ये औलाद के लिए है ऐसी किसी की फ़ितरत दुनिया में है न होगी भूका वो ख़ुद को रख के औलाद को खिलाए माँ जैसी नेक सीरत दुनिया में है न होगी बच्चों के आगे ख़ुद को उस ने मिटा दिया है इस से अज़ीम औरत दुनिया में है न होगी हर शय है हेच 'नीलम' माँ की तड़प के आगे माँ जैसी प्यारी मूरत दुनिया में है न होगी