मेरे प्यारे वतन मेरे प्यारे वतन तेरी धरती को झूला झुलाए गगन तेरी मिट्टी की ख़ुशबू मिरे गीत में तेरे झरनों की लय मेरे संगीत में तेरी ज़ुल्फ़ों से महकी है फ़िक्र-ए-सुख़न मेरे प्यारे वतन मेरे प्यारे वतन पर्बतों पर बिराजे हुए देवता बरगदी छाँव में साधुओं की कथा तुझ से ज़िंदा है तहज़ीब का बाँकपन मेरे प्यारे वतन मेरे प्यारे वतन सर है ताज-ए-हिमाला सँभाले हुए पाँव लंका की पाज़ेब डाले हुए जिस्म की जोत से भीक माँगे किरन मेरे प्यारे वतन मेरे प्यारे वतन शहर यूँही तिरे जगमगाते रहें गाँव मिट्टी से सोना उगाते रहें रोज़ बढ़ती रहे रौनक़-ए-अंजुमन मेरे प्यारे वतन मेरे प्यारे वतन