मेरी साँसों की ख़ुशबू मेरे चलने की आवाज़ और हँसी का सरगम लम्स में भीगा हुआ धीरे धीरे बोलता लम्हा जा-ब-जा मेरे हाथों रखी हुई चीज़ें मेरी किताबों में महके हुए अल्फ़ाज़ की बास सिंघार का सामान मल्बूसात के बोलते हुए रंग रंगों से बनती परछाईं परछाइयों से झाँकते हुए यादों के चेहरे और यादों से जुड़ा हुआ एक नाम मेरा नाम आँखों से ढलके और तकिए में जज़्ब हुए वो थोड़े से ख़्वाब मेरे ख़्वाब सब कुछ यूँही रहने देना दिल को और किसी का न होने देना मेरे मर जाने के बा'द भी मुझ को मरने न देना