मेरी बेटी जब बड़ी हो जाएगी सारे घर में चाँदनी फैलाएगी हर नज़र में रौशनी आ जाएगी हूर-ए-जन्नत से निछावर लाएगी मेरी बेटी जब बड़ी हो जाएगी बाप के दिल की कली खिल जाएगी माँ की नज़रों में जवानी आएगी और वो ता'लीम आ'ला पाएगी उस की शादी की घड़ी फिर आएगी मेरी बेटी जब बड़ी हो जाएगी