मिट्टी By Nazm << मोहब्बत कब मरती है मैं >> कहा कमाल लिखते हो एहसासों का मेरी एहतिमाल लिखते हो किसी के चेहरे को चाँद गालों को बदली आँखों को शमएँ गर्दन को सुबू लबों को जाम और ज़ुल्फ़ों को जाल लिखते हो कुछ मुझ पर भी लिखोगे अपनी तस्वीर भेजूँगी तुम्हें Share on: