लड़ूँ-भिड़ूँ मैं किसी से ये मेरा काम नहीं निकालता मैं ज़बाँ से बुरा कलाम नहीं ख़ुदा-ए-पाक को राज़ी वो कर नहीं सकता बग़ैर झूट जिसे चैन सुब्ह-ओ-शाम नहीं जो लोग नेक हैं उन से है मेरी याद-अल्लाह बुरे जो लोग हैं उन से दुआ सलाम नहीं ख़ुदा का बंदा हूँ मैं हाँ ख़ुदा का बंदा हूँ सिवा ख़ुदा के किसी और का ग़ुलाम नहीं हमेशा रहता हूँ माइल मैं सादगी के साथ रेहन-सहन में मिरे कोई टीम-टाम नहीं