नज़्म By Nazm << दस बच्चे ख़ुश-हाल घराना ला-हासिल ला-हासिल >> मिरे बच्चे तिरी आँखें तिरे लब देख कर मैं सोचती हूँ ये दुनिया इस बला की ख़ूबसूरत है तो फिर क्यों जंग होती है Share on: