कोई कहता है ख़ुदा ज़मीं से गया नहीं मगर क्या वज्ह है कि शैतान बूढे नहीं होते उन का तूती बोलता है हाँ ज़ईफ़ काम करने से क़ासिर होता है और नज़्म बुज़ुर्गों से मुक़ाबला नहीं करती मैं मर जाऊँगा यक़ीनन मुझे मरना है लेकिन उस नज़्म को जिसे मैं ने कुछ देर पहले जना उसे क़त्ल करना मुमकिन नहीं मेरे नफ़्स होने की ये आख़िरी दलील ज़िंदा रहेगी