आओ नया मंसूबा बनाएँ दुनिया को इक राह दिखाएँ जंग के बादल दूर करें हम ज़ुल्मत को पुर-नूर करें हम अम्न का परचम लहराएँ हम ना-समझों को समझाएँ हम ज़ुल्म की हर बुनियाद मिटाएँ आओ नया मंसूबा बनाएँ सूख रही है डाली डाली ज़र्द है बाग़ों की हरियाली कोयल बुलबुल चुप हैं सारे तितली भँवरे हैं दुखयारे सूखी हुई कलियों को खिलाएँ आओ नया मंसूबा बनाएँ जग-मग जग-मग रंगीं रातें सूरज की दिलकश सौग़ातें अम्बर के संसार में जा कर तारों के बाज़ार में जा कर प्यारे चंदा को देख आएँ आओ नया मंसूबा बनाएँ अम्मी बाजी दादी नानी कहती हैं भूतों की कहानी 'कैफ़ी' और 'साहिर' के तराने आओ चलो उन सब को सुनाने और अपने भी गीत सुनाएँ आओ नया मंसूबा बनाएँ दुनिया को इक राह दिखाएँ