नाय-साल By Nazm << लास्ट कॉल फूलों की ग़ज़ल >> नया-साल आया पहेली नई साथ लाया गए साल ही की तरह हल करूँ या नई कोई तरकीब ढूँडूँ दिसम्बर करेगा बयाँ ये गिरह कुछ खुली कि नहीं जब मिरा ध्यान होगा नई इक पहेली की जानिब Share on: