आज यकायक जब मैं ने तेरा तज़्किरा किया अचानक चौंक सा गया फिर ख़ामोश हो गया माज़ी की सारी बातें याद आने लगीं तेरा मुस्कुराना तेरा शर्माना न किसी बात का गिला न शिकवा सादगी सादगी और बे-इंतिहा प्यार फिर अचानक मुझ से बिछड़ जाना तेरी झुकी झुकी निगाहें आज भी जैसे मुझ से कुछ कहती हैं मगर ज़बान ख़ामोश है गोया तेरा प्यार मेरे लिए सर्द हो गया लेकिन आज भी तेरा ख़याल अच्छा लगता है शायद यही मेरी ज़िंदगी का सुकून है