तेरी तस्वीर By Nazm << वापसी एक ख़्वाहिश >> तेरी तस्वीर तो ढूँडे से मुझे मिल न सकी हाँ तेरे ख़त थे मेरे पास अमानत की तरह एक गुमनाम सी ख़ामोश मोहब्बत की तरह आज की रात मेरी जान वो पानी बरसा छत टपकते ही तिरे हाथ की इक इक तहरीर लुक़्मा-ए-आब हुई ज़िंदगी ख़्वाब हुई Share on: