तुम बिल्कुल हम जैसे निकले अब तक कहाँ छुपे थे भाई वो मूरखता वो घामड़-पन जिस में हम ने सदी गँवाई आख़िर पहुँची द्वार तुहारे अरे बधाई बहुत बधाई प्रीत धर्म का नाच रहा है क़ाएम हिन्दू राज करोगे सारे उल्टे काज करोगे अपना चमन ताराज करोगे तुम भी बैठे करोगे सोचा पूरी है वैसी तय्यारी कौन है हिन्दू कौन नहीं है तुम भी करोगे फ़तवा जारी होगा कठिन यहाँ भी जीना दाँतों आ जाएगा पसीना जैसी-तैसी कटा करेगी यहाँ भी सब की साँस घुटेगी भाड़ में जाए शिक्षा-विक्षा अब जाहिल-पन के गन गाना आगे गढ़ा है ये मत देखो वापस लाओ गया ज़माना मश्क़ करो तुम आ जाएगा उल्टे पाँव चलते जाना ध्यान न दूजा मन में आए बस पीछे ही नज़र जमाना एक जाप सा करते जाओ बारम-बार यही दोहराओ कैसा वीर महान था भारत कितना आली-शान था भारत फिर तुम लोग पहुँच जाओगे बस परलोक पहुँच जाओगे हम तो हैं पहले से वहाँ पर तुम भी समय निकालते रहना अब जिस नर्क में जाओ वहाँ से चिट्ठी-विट्ठी डालते रहना